Rajasthan 4th Grade Exam: राजस्थान सरकार ने विद्यार्थियों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने चतुर्थ श्रेणी परीक्षा के पेपर डिस्कशन शेयर व सॉल्व पर पाबंदी लगा दी है इसके अंतर्गत स्टूडेंट कोचिंग सेंटर्स व कंटेंट क्रिएटर पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी इस संबंध में राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से जल्द ही आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा चतुर्थ श्रेणी भर्ती परीक्षा 19 से 21 सितंबर तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में निर्धारित परीक्षा केंद्रों पर आयोजित किया जा रही है जिसके तहत निष्पक्ष परीक्षा आयोजन करने का माहौल राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा बनाया जा रहा है इसी बात को ध्यान में रखते हुए बोर्ड में भर्ती परीक्षा के दौरान सोशल मीडिया पर पेपर शेयर करने डिस्कशन सॉल्व करने वह एनालिसिस करने पर पाबंदी लगा दी है।
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज शर्मा के अनुसार यह कदम अभ्यर्थियों के हित में लिया गया है परीक्षा अवधि में तीन दिन तक अभ्यर्थी पूरी तरह से अपनी परीक्षा की तैयारी पर केंद्रित रह सकेंगे और सोशल मीडिया पर फैलने वाले भ्रमित कंटेंट माहौल से बच पाएंगे। इससे निष्पक्ष और पारदर्शी माहौल में परीक्षा आयोजन करना संभव होगा।
आपको बता दें कि हाल ही में कर्मचारी चयन आयोग ने परीक्षाओं के प्रश्न पत्रों को सोशल मीडिया पर शेयर करने पर सख्त प्रावधान लागू किए थे नियम तोड़ने वालों के खिलाफ 10 साल तक जेल और एक करोड़ जुर्माना लगाने के नियम थे इसी तरह पर राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने भी “नो पेपर-नो सॉल्यूशन” का नियम लागू किया है
कब तक रहेगा प्रतिबंध
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से आयोजित होने वाली 19 से 21 सितंबर तक चतुर्थ श्रेणी परीक्षा के दौरान यह पाबंदी लागू रहेगी परीक्षा समाप्ति के बाद यानी 21 सितंबर के बाद परीक्षा पेपर शेयर करना सॉल्यूशन करना उस पर चर्चा करना संभव होगा
कर्मचारी चयन बोर्ड युवाओं को गुमराह होने से बचने का प्रयास कर रही है सोशल मीडिया पर इंपोर्टेंट पेपर या सॉल्व पेपर नाम से गलत जानकारी फैलाई जा रही है जिससे कंटेंट क्रिएटर का मकसद केवल व्यूज पाना है इससे अभ्यर्थियों की आगामी परीक्षाओं की तैयारी प्रभावित होती हैं
इधर विरोध के सुर
राजस्थान युवा बेरोजगार महासंघ के प्रत्याशी अध्यक्ष राधे मीणा में इसे छात्रों के खिलाफ बताते हुए विरोध जताया है उन्होंने कहा कि विधानसभा और कैबिनेट की बैठक के बिना ऐसे फैसला लेना उचित नहीं है संगठन इस फैसले का विरोध कर रहा है